69000 Shikshak Bharti EWS Vivad: 69000 प्राथमिक शिक्षक भर्ती में आए दिन नए-नए विवाद सामने निकल कर आते हैं। अब एक बार फिर से 69000 प्राथमिक शिक्षक भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों ने हाईकोर्ट में अपील दायर करी है जिसमें ईडब्ल्यूएस के छात्रों ने आरोप लगाया है की सरकार 69000 शिक्षक भर्ती ईडब्ल्यूएस आरक्षण देना नहीं चाहती।
69000 शिक्षक भर्ती में इतने विवाद हो गए हैं कि इस भर्ती प्रक्रिया का रद्द होना लगभग तय हो गया है। छात्रों को लंबे समय से इस भर्ती प्रक्रिया के पूरा होने का इंतजार है परंतु यह इंतजार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है।
69000 प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विवाद
उत्तर प्रदेश में 69000 प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विवाद तभी शुरू हो गया था जब दिसंबर 2018 में यह प्राथमिक शिक्षक भर्ती निकली थी।
दिसंबर 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती विज्ञापन की अधिसूचना जारी की थी। कई विवादों के बावजूद इस परीक्षा को संपन्न कराया गया परंतु अब 2024 में एक बार फिर से इस भर्ती में विवाद उत्पन्न हो गया है क्योंकि विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न विषयों पर हाई कोर्ट में अपील दायर की गई थी।
69000 Shikshak Bharti EWS Vivad
- कुछ विद्यार्थी आरक्षित वर्ग के कोर्ट गए थे जिसमें कट ऑफ का मामला सामने आया था।
- कुछ ऐसे विद्यार्थी थे जो ईडब्ल्यूएस रिजर्वेशन (69000 Shikshak Bharti EWS vivad) को लेकर हाईकोर्ट में अपील करने गए थे और उनका भी मामला कोर्ट में चल रहा था।
- एक अन्य पक्ष भी था शिक्षामित्र का जो अपने हक की लड़ाई के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के चक्कर लगा चुके हैं।
- बहुत से ऐसे विद्यार्थियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिन्हें लगता था कि सरकार द्वारा पेपर में गलत प्रश्न पूछे गए हैं और उनके उत्तर बदलने चाहिए ऐसे विद्यार्थी भी कोर्ट गए थे।
- कुछ विद्यार्थी रिजल्ट निकलने के बाद कोर्ट गए जिसमें उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि यूपी सरकार ने आरक्षण में छेड़छाड़ की है और आरक्षित वर्ग के छात्रों की आरक्षित सीटों पर सामान्य श्रेणी के छात्रों का चयन कर दिया है और इस प्रकार सरकार ने आरक्षण देने में छेड़छाड़ की है।
हाई कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती की सूची रद्द की
माननीय हाई कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई 69000 शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द करते हुए पुनः मेरीट लिस्ट तैयार करने के लिए सरकार को 3 महीने का समय दिया था।
कोर्ट ने आदेश भी दिया था कि जो 69000 शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षक कार्यरत है उन्हें अप्रैल 2025 तक कार्य करने दिया जाए नई मेरिट लिस्ट जारी होने पर उनके कार्य में कोई बाधा नहीं पहुंचनी चाहिए जिससे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो सके।
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया हाई कोर्ट का फैसला
छात्र जब सुप्रीम कोर्ट गए तो सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उसे फैसले को रद्द कर दिया जिसमें हाई कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नई मेरिट सूची जारी करने का आदेश दिया था।
वर्तमान में 23 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 69000 शिक्षक भर्ती मामले 69000 Shikshak Bharti EWS vivad की सुनवाई करी जानी है। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट 69000 शिक्षक भर्ती मामले में क्या फैसला देती है?
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