झांसी में एक दिन बाद क्यों मनाई जाती है होली,जानें क्या कहता है इतिहास

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झांसी। इस साल होली 25 मार्च को है।लोग बेसब्री से 25 मार्च का इंतजार कर रहे हैं,लेकिन झांसी में एक अनोखी परंपरा है। यहां होली एक दिन बाद मनाई जाती है।इसके पीछे का कारण इतिहास और 1857 की क्रांति से जुड़ा है।

अधिकतर लोग कहते हैं कि यह परंपरा इसलिए बनी है, क्योंकि होली के दिन ही झांसी के महाराज राजा गंगाधर राव का देहांत हो गया था, लेकिन इतिहास के पन्नों में इसका कारण कुछ और ही दर्ज है।

बता दें कि महाराज गंगाधर राव के देहांत और होली के त्यौहार में लगभग 2 महीने का फर्क था। इतिहास के नजरिए से देखा जाए तो 26 फरवरी 1854 को डलहौजी ने झांसी राज्य को कंपनी के शासन में लेने का निर्णय लिया।अपने तीन साथियों से चर्चा करने के बाद ऑर्डर जारी कर दिया।

28 फरवरी 1854 को जे ए डोरिनो ने हस्ताक्षर किए। 15 मार्च 1854 को डी ए मेलकम ने आदेश किया। 16 मार्च 1854 को एलिस ने रानी लक्ष्मीबाई को यह आदेश सुनाया। 16 मार्च 1854 को होलिका दहन था।

रानी लक्ष्मीबाई ने आदेश सुनते ही घोषणा कर दी की मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी।इसके बाद अगले दिन झांसी में होली का आयोजन नहीं हुआ।एक दिन बाद पारंपरिक रूप से औपचारिकता के लिए यहां होली मनाई गई। तब से यह परंपरा आज भी चली आ रही है।

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