उत्तर प्रदेश में लाखों युवा UP Primary Shikshak Bharti 2024 की राह देख रहे हैं। युवाओं को इंतजार है कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही प्राथमिक शिक्षक भर्ती का ऐलान किया जाएगा और वह नौकरी करके अपने परिवार को खुश रखेंगे। यूपी में प्राथमिक शिक्षक भर्ती की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बुरी खबर निकलकर सामने आई है।
UP Primary Shikshak Bharti 2024
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक नई नोटिस जारी की गई है जिसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में छात्र शिक्षक अनुपात मानक के अनुरूप है। हाल ही में एक नोटिस जारी की गई है जिसमें प्रत्येक जिलों में सरप्लस शिक्षक होने की बात बताई गई है। सरप्लस शिक्षक का अर्थ है कि शिक्षकों की संख्या आवश्यकता से ज्यादा उपस्थित है।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक स्कूलों में सरप्लस शिक्षको की नोटिस हुई जारी
बीते कुछ दिनों पहले मीडिया के हवाले से खबर आ रही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्राथमिक विद्यालय बगैर शिक्षक के ही चल रहे थे, वही लखनऊ में भी ऐसी ही खबर निकलकर सामने आई थी लेकिन आज के नोटिस में हर एक जिले में शिक्षकों की संख्या जरूरत से ज्यादा दिखा दी गई है। सरप्लस शिक्षकों की सूची नीचे फोटो के माध्यम से आप देख सकते हैं।
इस फोटो को देखने के बाद आपको लगेगा कि सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। एक तरफ नौजवान रोजगार के लिए परेशान हो रहे हैं तो दूसरी ओर 6 से 14 वर्ष के बालक जो प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने आते हैं उनके भविष्य भी अंधकारमय हो गया है क्योंकि वास्तविकता यही है कि विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है।
हर वर्ष उत्तर प्रदेश में लगभग 10000 से 12000 प्राथमिक शिक्षक रिटायर होते हैं फिर भी सरकार सरप्लस शिक्षक का डाटा कैसे दिखा रही है, यह बहुत ही निंदनीय और चिंतनीय विषय है।
2018 में निकली थी प्राथमिक शिक्षक भर्ती
सरकार द्वारा अंतिम बार प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन दिसंबर 2018 में निकल गया था। 2018 के बाद से कोई भी नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती उत्तर प्रदेश में नहीं की गई है। विद्यार्थी नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए मांग करते हैं और धरना प्रदर्शन भी करते हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर देती है। छात्र निराशा और हताश हो चुके हैं।
छात्रों ने बड़ी उम्मीद से डीएलएड की परीक्षा उत्तीर्ण की और शिक्षक बनने के सपने को साकार करने के लिए UPTET एवम CTET भी पास किया लेकिन सरकार नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करना ही नहीं चाहती है।
69000 शिक्षक भर्ती में हुआ आरक्षण घोटाला
उत्तर प्रदेश में 2018 में प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था और इसकी नियुक्ति 2021 में दी गई। 2018 की 69000 शिक्षक भर्ती में सरकार ने आरक्षण संबंधी गड़बड़ियों की थी जिस कारण हाईकोर्ट में सरकार द्वारा 69000 शिक्षक भर्ती से संबंधित एक बड़ा फैसला सुनाया।
हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को 69000 प्राथमिक शिक्षक भर्ती में आरक्षण संबंधी गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए 3 माह का समय दिया है। अब 3 माह के अंदर 69000 प्राथमिक शिक्षक भर्ती में नई मेरिट सूची तैयार की जाएगी।
नई सूची आने से कई विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा वहीं कई ऐसे विद्यार्थी भी होंगे जिनकी नौकरी सरकार के गलत निर्णय के कारण छीन ली जाएगी। जिन विद्यार्थियों की नौकरी चली जाएगी उन सभी का भविष्य अंधकार में हो जाएगा और इसके जिम्मेदार सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार जी होगी।
नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए योगी से मिले छात्र
हाल ही में UP Primary Shikshak Bharti 2024 का विज्ञापन जारी करने के संबंध में छात्रों के एक समूह द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के जनता दरबार में योगी जी से मुलाकात की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को छात्रों ने बताया की नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2018 के बाद से अब तक नहीं आई है। छात्रों की मनोस्थिति देखकर मुख्यमंत्री योगी ने छात्रों को आश्वासन दिया कि जल्द ही नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया जाएगा।
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इस घटना के एक सप्ताह बाद ही सरकार की ओर से सरप्लस शिक्षक का नोटिस जारी कर दिया गया जिसमें प्रत्येक जिले में आवश्यकता से अधिक शिक्षकों की संख्या प्रदर्शित कर दी गई है। इस नोटिस को देखने के बाद छात्रों के मन में आक्रोश की भावना घर करने लगी है।
अगर आप या आपके परिवार में कोई UP Primary Shikshak Bharti 2024 का इंतजार कर रहे हैं तो आप कमेंट करके जरूर बताइए कि क्या सच में सरप्लस शिक्षक आपके जिले में भी हैं?