Premature aging and then disease: आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ऐसे नियम जिसे हमने जानबूझकर या अनजाने में पालन किया ही नही जिससे आपको असामयिक तौर पर वृद्धावस्था ने घेर रखा है इससे बचने के कुछ उपाय हम आपको बता रहे हैं या यूं कहा जाय कि आपको याद दिला रहे हैं ।
Premature aging and then disease:
आपको सबसे पहले सवेरे उठते ही पानी पीना है बिना मुंह धोए। वो भी हमेशा बैठ कर ही पीना है। पानी को हमेशा घूँट-घूँट कर पीना है, पानी जब भी पियो तो सिब सिबकर और पानी हमेशा लोटा में मुंह लगाकर ही पीना है और सिर्फ लोटा से ही पीना है।
कभी भी जिंदगी में ठंडा पानी नहीं पीना है अगर बहुत ज्यादा गर्मी है तो मिट्टी का बना घड़ा वाला ठंडा पानी पीना है, फ्रीज और बर्फ का पानी नहीं पीना हैं।
मौसम के हिसाब से दातुन करके ही मुंह धोना मिट्टी से स्नान करना सबसे बेहतर हैं। अगर आप साबुन से स्नान करना चाहते हैं तो वहीं साबुन खरीदना है जिस साबुन पर TFM- 75% हो या इससे ज्यादा 100% तक।
तेल हमेशा शुद्ध इस्तेमाल करना है आंख के सामने पेराया हुआ । चाहे सरसों का हो या तिल, मूंगफली या नारियल का कच्ची घानी का तेल।
जीवन में कभी भी नाश्ता नहीं करना हैं चाय नहीं पीना हैं डायरेक्ट भोजन करिए । नाश्ता में फल हैं तो करिए।
भोजन हमेशा जमीन पर बैठकर पालथी मारकर खाना हैं या गाय दूध निकालने का जो आसान हैं उस स्थिति में आप खाना खा सकते हैं।
खाना खाने के 1 घंटा 30 मिनट बाद पानी पीना हैं या खान खाने के 1 घंटा पहले पानी पीना हैं। भोजन करते समय पानी बिलकुल नहीं पीना हैं।
भोजन 09:30 AM बजे के पहले भरपेट खा लेना है दोपहर में बहुत कम भोजन करना है और शाम में सूर्यास्त होने से पहले भरपेट भोजन कर लेना है रात में कभी भी भोजन नहीं करना हैं। रात में दूध पी सकते हैं। पैकेज किया हुआ दूध कभी नहीं खरीदना है और ना ही पीना हैं।
दो विरोधी वस्तुएं एक साथ कभी नहीं खाना हैं Ex- दूध और दही, शहद और घी, कटहल और दूध, खट्टे पदार्थ और दूध, प्याज और दूध, मूंग के दाल और दही इत्यादि एक साथ नहीं खाना है।
पैकेजिंग किया हुआ 100% सामान नहीं खाना हैं, सिर्फ ज्यादा से ज्यादा किसान और प्राकृतिक द्वारा उत्पादन सामान ही खाना हैं। जैसे- गन्ना, सत्तू, मूंगफली, तिल, मेथी दाना, गाजर, चना, चनाचूर, मकई, पपीता, सेब, अनार, अंगूर, तिलकूट, खीरा, ककड़ी, कई तरह के हरी सब्जियां, कई तरह के फल, फलों का रस, शहद, मीठा का शरबत, दूध, दही, जूस, नींबू पानी, नारियल पानी, गन्ना के रस इत्यादि।
सबसे ज्यादा जीवन में स्वदेशी सामानों का उपयोग करना है। राष्ट्रहित का गला घोटकर छेद न करना थाली में मरते दम तक साथ ना छोड़ना अपना देश के सबसे पहले गरीब व्यक्ति का सामान खरीदने में क्योंकि मेरे लिए स्वदेशी का अर्थ यही है, करोड़पति को अरबपति बनाना स्वदेशी नहीं हैं।
योग हमेशा करते रहिए या कोई भी शारीरिक काम अवश्य करिए।
दारु, सिगरेट, खैनी, बीड़ी, गुटका, किसी प्रकार के नशीले पदार्थ, किसी प्रकार का ठंडा, चीनी, चिप्स, पिज़्ज़ा, बर्गर, ब्रेड, मोमोज, पास्ता, नूडल, मैगी, मुर्गा, मुर्गी, मछली, सूअर का माँस या किसी का भी माँस जीवन में कभी नहीं खाना है और ना ही ए सब पीना हैं।
अगर आप प्रोटीन के लिए मुर्गा मछली या मांस खाते हैं तो जितना प्रोटीन 1 किलो मुर्गा खाने से मिलता है उतना प्रोटीन या उससे अधिक प्रोटीन आपको 1 किलो मूंग का दाल खाने पर मिल जाएगा, दूध पीने से मिल जाएगा संतरा मौसम्मी अनार के जूस पीने से अधिक प्रोटीन मिल जाएगा।
कुछ नियम और है लेकिन आप सिर्फ इतना ही पालन करिए आपके घर पर कोई डॉक्टर की जरुरत नहीं पड़ेगा बहुत सारा पैसा आपका बर्बाद होने से बच जाएगा शरीर स्वस्थ रहेगा तंदुरुस्त रहेगा शक्तिशाली रहेगा दिमाग तेज रहेगा उम्र दो गुना बढ़ जाएगा |
आप ज्यादा काबिल बनना चाहते हैं तो इस नियम को तोड़ सकते हैं ।
आपका शरीर, आपकी मर्जी, आपका पैसा लेकिन निवेदन है कि इस नियम को ना तोड़े ।
आखिर क्यों आ रहा युवाओं में अचानक हार्ट अटैक ?
हार्ट अटैक से मौत की तादात एकदम से बढ़ गई।
इसका सीधा संबंध आपकी दिनचर्या से है।
मोदी जी की वैक्सीन को बदनाम करने के लिए यह एक सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया । कुछ इंसानी दुश्मन आपस मे मिलजुलकर काम कर रहे है।
आप होटलों में ढाबों पर तंदूरी परांठो के साथ सफेद मक्खन में पेट्रोलियम वैक्स को भर भर कर परोसा जा रहा है। ऐसा नकली सफेद मक्खन 120 Rs किलो मिल जाता है।
दाल मखनी में 45-59% क्रीम + बटर है जो अधिकतम फर्जी फैट से बनती है।
मगर यहां की जनता दर्जनों सब्जियां एक तरफ व दाल मखनी अकेली एक तरफ, नाश्ते, लंच, डिनर सब मे खाएंगे।
टॉप 5 सेफ पर एक सर्वे किया गया जिसमें 4 अपनी ही दाल मखनी नही पहचान पाये। कारण: 45-50% क्रीम+ बटर के बाद सब एक जैसी बनती है।
यहां ये भी बताता जरूरी है की ये क्रीम बटर से लदी दाल सेहत के लिए सिर्फ नुकसानदायक नही बल्कि “unsafe” फ़ूड है।
सुंदर चॉकोलेट की कोटिंग पेट्रोलियम इंडस्ट्री से निकले पैराफिन वैक्स से की जाती है ताकि वो देर तक पिंघले नही व चिकनी चमकदार दिखे।
एक जैसा टेस्ट बनाये रखने के लिए वनीला आइस क्रीम फ्लेवर, बादाम फ्लेवर, लेमन फ्लेवर पेट्रोलियम पदार्थों से बनाये जा रहे है।
सेब, किन्नू आदि को ताजा रखने के लिए पेट्रोलियम रिफाइनरी से निकले ओलेस्त्रा/वैक्स यूज़ होता है।
फ्रोजन चिकन, पिज़्ज़ा, बिस्कुट, कॉर्न चिप्स, पॉपकॉर्न में बेहद सस्ता पड़ने के कारण चिकना पेट्रोलियम पदार्थ TBHQ मिलाया जाता है।
2013 में भारत मे कुकिंग आयल व घी में मिनरल आयल ( पेट्रोलियम चिकनाई) पकड़ी गई थी।
मिनरल आयल मिलाने से आपका वनस्पति तेल से बना घी कई साल भी खराब नही होगा।
आटा, अंडे, दूध, चीनी से बने पदार्थ तेजी से खराब होते है।
अब अगर कोई इनसे बनी मिठाई, बन, ब्रेड, कूकीज, केक आदि को हफ़्तों फ्रेश रखना चाहते हो तो उसमें रिफाइनरी से निकला मिनरल आयल मिला दो।
ऐसी चीजे शोरूम के शीशे के पीछे एक दम झक्कास फ्रेश व चमकदार दिखेगी।
यदि आप वृद्धावस्था में भी स्वस्थ रहना चाहते हैं तो खाना घर का बना ही खाएं, मसाले घर लाकर पिसे गये हों, खाने का सामान उत्पादक से खरीदा गया हो तो कुछ बच जाओगे।
खाना, एजुकेशन, इलाज कभी भी व्यापारिक उत्पाद नही होने चाहिए ना ये प्राइवेट हाथों में होने चाहिये।
इस देश में मिलावट के खिलाफ एक कानून
Food adulteration Act 1954 में बना था।
जिसमें जो खाने का समान है उसके अलावा कुछ भी मिलने पर जेल होती थी।
उसे खाने की इंडस्ट्री के व्यापारियों से पैसे लेकर कांग्रेस की सरकार से बदल कर 2006 में फ़ूड सेफ्टी एक्ट करवा कर मिलावट के गेट खुलवा लिये। अब आपकी हल्दी में बेसन मिल गया तो ये adulterated तो है मगर सेफ्टी खतरे में नही। पहले काली मिर्च में पपीते के बीज मिलावट थे अब सेफ्टी को खतरा नही तो सब चलेगा।
खाने में मिलावट मर्डर के बराबर मानी जानी चाहिये मगर अब मिलावटखोर कुछ भी मिलाए बस येन केन प्रकारेण उसे सेफ साबित करके कुछ भी मिलाये, यहां सब चलता है।
और आखिर में याद रखना अगर आपका खाना किसी के व्यापार का प्रोडक्ट है तो कोई व्यापारी कम नही कमाना चाहता।
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