नेत्रों को स्वस्थ रखने के उपाय
आंख प्रकृति द्वारा रचित समस्त प्रकार के जीव-जंतु,पशु-पक्षी और मनुष्य आदि का सबसे खूबसूरत अंग है| किसी भी जीव–जंतु को आंख की अहमियत तब समझ में आती है जब उसे या उसके जानने वालों को अपने आप या दुर्भाग्यवश किसी घटना के कारण आंखों को कोई नुकसान पहुंचता है या उनकी दृष्टिबाधित होती है। ईश्वर ने विभिन्न प्रकार की आंख बनाई है जो बहुत ही खूबसूरत है। आँखों के सभी रोगों का इलाज व घरेलु नुस्खे की जानकारी इस पोस्ट में लिखी है जो आपकी सभी समस्या का समाधान है|
आँख की बनावट (Structure of Eye)
आमतौर पर देखा गया है की आंखों का आकर अपने अधिकतम व्यास(Diameter) के साथ दो से ढाई सेंटीमीटर तक का होता है प्रत्येक मनुष्य के पास दो आंखें होती हैं जो लगभग दो मिलियन मूविंग पार्ट्स से संरक्षित है।
आंखों के प्रकार:
आंखों के कई प्रकार होते हैं जैसे–
- उभरी हुई बड़ी आंखें
- छोटी आंखें
- अंदर की ओर धंसी हुई आंखें
- कालीआंखें
- भूरी आंखें
- गोला व लंबी आंखें
संपूर्ण मानव समाज जिस तरह अलग-अलग धर्म, जाति, समूह एवं वर्गों में बंटा है ठीक उसी तरह प्रकृति ने हमे उपहार स्वरूप आंखें दी हैं क्योंकि आंख का भी आकर एवं रंग भिन्न-भिन्न है।
आंख से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
आईए जानते हैं कि मनुष्य के किस-किस हिस्से में कौन-कौन सा रोग होता है–
रोग | आंख का हिस्सा |
रतौंधी | कॉर्निया |
भेंगापन | संपूर्ण हिस्सा |
ग्लूकोमा | पार्श्व (परिधीय) |
कंजेक्टिवाइटिस | आंख की सफेद सतह |
ट्रेकोमा | संपूर्ण हिस्सा |
मायोपिया | फोकल प्वाइंट |
प्रेसबायोपिया | लेंस तथा कॉर्निया |
मोतियाबिंद | प्राकृतिक लेंस |
हाइपरमेट्रोपिया | फोकल प्वाइंट ( रेटिना के पीछे) |
आंखों को स्वस्थ रखने के उपाय:
आंखों को स्वस्थ रखने सुंदर और निरोगी बनाए रखने के लिए आपको यह काम करने आवश्यक है क्योंकि स्वस्थ आंखें ही मनुष्य का आईना होती है| आप अपनी आंखों को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो यह नुस्खे आजमा सकते हैं–
- अपनी आँखों को निरोगी बनाने के लिए बाजार से खीरा खरीदें और उसे पानी से अच्छे से धुले तत्पश्चात उसके टुकड़े काट कर एक–एक टुकड़ा दोनों आंखों पर रखें।
- गर्मियों में स्नान करने से पहले मुंह में थोड़ा पानी भरकर अपनी आंखों पर हाथों से पानी भरकर छीटे मारे|
- बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़ों को किसी कपड़े में बांधकर आंखों के आसपास घुमाएं और हल्के हाथों से मसाज करें।
- मौसम के अनुसार ताजा फल व हरी सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करें।
- अपने भोजन में सलाद को अवश्य शामिल करें।
- गर्मियों के मौसम में अत्यधिक धूप में ना निकले, आवश्यक होने पर ही जाए।
- अपनी आंखों को गंदे हाथों से छूनेका प्रयास बिल्कुल भी ना करें जिससे इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाएगा।
- बिना जांच किए हुए किसी प्रकार के बाहरी चश्मे को आंखों पर ना लगाएं |
- किसी भी आई ड्रॉप को डॉक्टर की सलाह के बिना आंख में न डालें।
- रोज सुबह उठते ही सबसे पहले अपनी बासी लार को अपनी आंखों पर काजल की तरह लगा ले।
- अपने बच्चों को टीवी स्क्रीन, मोबाइल तथा वीडियो गेम से दूर रखें।
- रात को देर तक नहीं जागे, जल्दी सोने का प्रयास करें।
- सुबह की पहली किरण आंखों के लिए सबसे उपयोगी होती है कोशिश करें कि सुबह जल्दी उठे और उगते हुए सूर्य की रोशनी को देखें।
- योग, आसन व प्राणायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना ले।
आंखों की रोशनी बढ़ाने का घरेलू उपाय:
एक चम्मच सौंफ, एक चम्मच मिश्री, 10 काली मिर्च के दाने, 5 बादाम को दो चम्मच गाय के शुद्ध देसी घी में मिलाकर लगातार 3 महीने तक खाएं। इसको खाने से आपकी आंखों की रोशनी में तेजी से वृद्धि होगी। इस बात का अवश्य ध्यान रखे कि इसका सेवन आपको खाली पेट करना है। तीन से चार महीने के बाद आपको स्वयं ही अपनी आंखों की रोशनी में वृद्धि होती समझ में आने लगेगी।
आंखों को रोगों से दूर करने के उपाय
आंखों के रोगों को दूर करने के बहुत से उपाय आयुर्वेद में बताए गए हैं लेकिन कुछ चुनिंदा तरीका हम बता रहे हैं आपको जिससे आपकी आंखों की समस्या में जल्द से जल्द आराम मिल जाएगा।
आंखों का धुंधलापन दूर करने के उपाय:
आंखों के धुंधलापन को दूर करने हेतु ’अगस्त’(अगस्त्य), के पुष्पों का रस दो-दो बूँद नेत्रों में डालने से आंखों का धुंधलापन दूर होता है|
नेत्र रोग को दूर करने के उपाय:
20 से 25 ग्राम आंवले के फल को कूटकर 2 घंटे तक आधा किलो गर्म पानी में उबालकर उस पानी को छान कर रख ले। आवश्यकता अनुसार दिन में दो-तीन बार आंखों में डालने से नेत्र रोगों में बहुत लाभ मिलता है।
अनिद्रा दूर करने के उपाय:
- प्रत्येक मानव को स्वस्थ रहने में बाधा पहुंचाने का काम अनिद्रा नामक रोग करता है इसका सीधा संबंध नेत्रों से है जिसमें आप अनार के 20 ग्राम ताजे पत्ते को 400 ग्राम पानी में उबाल ले। जब यह 100 ग्राम रह जाए तो इसे सोते समय रात्रि को गर्म दूध मिलाकर पिये। इससे अनिद्रा रोग दूर होता है तथा मनुष्य की शारीरिक एवं मानसिक थकावट दूर हो जाती है।
- अनार के 5-6 पत्तों को पानी में पीसकर दिन में दो बार लेप करने तथा पत्तों को पानी में भिगोकर पोटली बनाकर आंखों पर फेरने से आंखों का दर्द दूर होता है
- अनार के 8 से 10 ताजे पत्तों का रस शुष्क हो जाने पर कपड़े में छानकर रख दें। प्रातः एव सांय काल रूई द्वारा लगाएं, इससे आंखों में होने वाली खुजली, नेत्र स्राव, पलकों की खराबी, आदि दूर होते हैं।
आम से आंख के रोग का इलाज:
अक्सर कहा जाता है जो कि सत्य भी है कि फलों का राजा आम है जिसे संस्कृत में आम्र, फल श्रेष्ठ, कामसर, पिकवल्लभ, रसाल तथा इसे अंग्रेजी में मैंगो (MANGO) कहते हैं।इसकी प्रजाति इनाकोर्डिएसी है तथा इसका वैज्ञानिक नाम “मैग्नीफेरा इंडिका” है। आम में ’ल्यूटिन’ और ’जेकसेंथिन’ होते हैं, ये दोनों एक प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंट हैं जो आंखो के स्वास्थ्य में सहायता करते हैं। इनका मुख्य कार्य हैं आंखों की रोशनी में कंट्रास्ट को बढ़ाना।
आम 2 प्रकार के होते हैं–
- बीजू आम
- कलमी आम
बीजू आम में रेशा अधिक पाया जाता है तथा इसका रस पतला होता है। इसे ही औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। यह बहुत गुणकारी होता है।
कमजोर नज़र और आंखों की सूजन दूर करने के उपाय:
आमतौर पर देखा जाता है कि रतौधी नामक रोग न होने पर भी कम दिखाई देने की समस्या का सामना करना पड़ता है जिसके कारण लोग सामान्य कार्य जैसे सुई में धागा भी डालने में असमर्थ हो जाता है।
सामान से समस्या को दूर करने के लिए मनुष्य को सीजनल फलों का सहारा लेना चाहिए जिसमें आम का सेवन अवश्य करना चाहिए वह किसी भी रूप में हो सकता है आम के सेवन से आपको विभिन्न समस्याओं में फायदा मिल सकता है जैसे कमजोर नजर को दूर करने में, आंखों का लाल होने से, आंखों की सूजन कम होगी आदि संबंधित रोगों में भी आम का सेवन लाभकारी है।
रतौंधी को ठीक करने के घरेलू उपाय
मनुष्य में पाया जाने वाला रतौंधी नामक रोग बहुत ही प्रचलित है इसमें मनुष्य को रात्रि के दौरान अथवा शाम होते ही दिखाई देना पूर्णतया बंद हो जाता है, इस रोग को वैज्ञानिकों ने रतौंधी की संज्ञा दी है| इसके उपचार के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें–
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- सबसे पहले तो आपको ऐसे फलों का सेवन करना है जिनमें विटामिन A की मात्रा भरपूर हो।
- 10 ग्राम ताजा बेल के पत्तों को 7–8 दाने काली मिर्च के साथ में पीस कर 100 ग्राम पानी में छानने के बाद इसमें 25 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह शाम नित्य पीने से तथा रात्रि को इसके पत्ते (बेल) कुचल कर पानी में भिगोकर इस पानी से अगली प्रातः काल आँखों को धोने से रतौंधी नामक रोग में लाभ मिलता है।
- रतौंधी होने पर बेल के पत्तों का रस 10 ग्राम, गाय का शुद्ध देसी घी 6 ग्राम, और एक ग्राम कपूर को तांबे की कटोरी में इतना रगड़ कर मिला लें कि इसका सुरमा बन जाए। अब इस सुरमे को आंखों में लगायें जिससे रतौंधी में आपको काफी फायदा होगा।
आंखों की समस्या को दूर करने के घरेलू उपाय:
मानव नेत्र में किसी भी प्रकार की समस्या यदि किसी कारणवश उत्पन्न हो गई हो तो उसे यह उपाय करना चाहिए जिससे उसके रोग से छुटकारा पाने में काफी फायदा मिलेगा–
- नारियल की सूखी गिरी लगभग 30 ग्राम मात्रा में ले अब इसमें शहद मिलाकर दिन में दो बार 10 दिन तक निरंतर खाने से आंखों के सब रोग दूर हो जाते हैं।
- Note 1: यदि आंखें दुख रही हो तो उसे व्यक्ति को नमक नहीं खाना चाहिए।
- Note 2 :आंखों के रोगी को गरी के बुरादे तथा काली मिर्च हमेशा गाय के शुद्ध देशी घी के साथ ही खाना चाहिए।
मोतियाबिंद को ठीक करने के घरेलू उपाय:
प्राचीन काल में मोतियाबिंद एक ऐसा रोग था जो मनुष्य के बूढ़े होने के पश्चात शुरू होता था परंतु आजकल बाहरी खान-पान एवं अत्यधिक पाम तेल के इस्तेमाल से किशोरावस्था से ही यह रोग शुरू हो जाता है जो कि गंभीर विषय है | इसके निदान के लिए आपको यह नुस्खा अवश्य अपनाना चाहिए जिससे आपको मोतियाबिंद की समस्या से जल्द छुटकारा मिल सकता है।
- जैसा कि हमें पता है कि प्याज तीन प्रकार के होते हैं जिसमें से सफेद प्याज मोतियाबिंद में अत्यधिक उपयोगी है। सफेद प्याज का 10 मिली रस, 10 मिली अदरक का रस, 10 मिली नींबू का रस , 50 मिली शहद को एक साथ मिलाकर रखें और नियमित रूप से दो-दो बूँद आंखों में डालने से मोतियाबिंद कट जाता है (यदि मोतियाबिंद असामान्य हुआ हो तो)।
- सफेद प्याज के निरंतर प्रयोग से आंखों की रोशनी तेज हो जाती है| सफेद प्याज के रस को शहडी में मिलाकर नेत्रों में लगाने से दृष्टि बढ़ती है।
Disclaimer: यह पोस्ट केवल जानकारी हेतु लिखी गयी है किसी भी औषधि को इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर अथवा वैद्य से सलाह अवश्य लें| यदि आप कोई जानकारी चाहते है तो कमेंट करके जरुर पूछें |