Bangladesh PM, Sheikh Hasina resignation, Bangladesh PM Sheikh Hasina desh se bhagi, pm Sheikh Hasina flew away from Bangladesh, Bangladesh reservation protest, protest against reservation in Bangladesh, बांग्लादेश में रिजर्वेशन के खिलाफ आंदोलन
बांग्लादेश में स्थितियां हुई बेकाबू
बांग्लादेश में भी स्थितियां काफी ज्यादा बदतर हो गई हैं । बांग्लादेश की आम जनता सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है। यह प्रदर्शन सरकार के खिलाफ है। प्रदर्शनकारी बांग्लादेश में वर्षों से चली आ रही रिजर्वेशन की प्रणाली को बदलने की मांग कर रहे हैं। बांग्लादेश को आजादी 1971 में मिली थी।
बांग्लादेश की राष्ट्र के रूप में स्थापना
1971 से पहले बांग्लादेश पर पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। 1971 से पहले बांग्लादेश पाकिस्तान का ही हिस्सा था। जब भारत का विभाजन हुआ तो पूर्वी बंगाल को पाकिस्तान में मिला दिया गया। इस तरह पाकिस्तान में पूर्वी बंगाल के लोगों का समावेश हो गया। पूर्वी पाकिस्तान में लोग बंगाली बोलते थे महज़ 10 प्रतिशत लोग ही उर्दू भाषा का प्रयोग करते थे इस कारण पाकिस्तान द्वारा पूर्वी पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन हुए।
पूर्वी पाकिस्तान के लोगों का साथ तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया और 1971 में पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान को आजाद कराकर अलग बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र का निर्माण किया।
बांग्लादेश में आरक्षण विवाद
1971 में बांग्लादेश आजाद हुआ और बांग्लादेश के प्रथम प्रधानमंत्री मुजीबर्र रहमान बनाए गए क्योंकि उन्होंने बांग्लादेश की आजादी में सर्वाधिक योगदान दिया था।
1972 से ही बांग्लादेश में बांग्लादेश की आजादी में लड़ने वाले योद्धाओं के लिए विभिन्न सरकारी संस्थाओं और विभागों में 30% आरक्षण देने की घोषणा कर दी गई। बांग्लादेश की आजादी के 50 वर्ष बाद भी यह आरक्षण की सीमा अभी भी बरकरार है।
बांग्लादेश के प्रदर्शनकारियों की यह मांग है कि आरक्षण को एक बार फिर से दुरुस्त करने की जरूरत है क्योंकि 30% आरक्षण सिर्फ स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार जनों को ही दिया जा रहा है जो की आम जनमानस के साथ बड़ा धोखा है।
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर हेलीकॉप्टर से (Bangladesh PM Sheikh Hasina desh se bhagi)फरार हो चुकी है। अब बांग्लादेश की सरकार की कमान सेना के हाथों में जाने की पूरी संभावना है। अब बांग्लादेश में मिलिट्री कानून लागू हो सकता है।
दिलचस्प बात यह कि अब देखना होगा कि बांग्लादेश भारत के साथ किस प्रकार के राजनीतिक संबंध स्थापित कर पाता है? क्या बांग्लादेश भारत से कोई मदद की प्रार्थना करेगा या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश को मिलिट्री शासन से मुक्त कराएंगे? क्या प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश को भारत में ही मिलाने का समर्थन करेंगे?
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