UP Primary Education Budget Allot: उत्तर प्रदेश में प्राइमरी शिक्षा के लिए 71000 करोड रुपए देने की घोषणा की गई है। प्रदेश की योगी सरकार ने प्राथमिक शिक्षा को सुधार करने के लिए इस पर अधिक व्यय का आवंटन किया है। उत्तर प्रदेश में सरकार ने शिक्षा , बिजली ,कृषि, उद्योग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में सुधार करने के लिए और सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए 2024-25 के बजट में 1 लाख 70 हजार 112 करोड रुपए की घोषणा की है। इसमें सर्वाधिक में शिक्षा पर किया जाएगा।
UP Primary Education Budget Allot
बजट में वितरित किए गए 72000 करोड रुपए को सरकार कर्मचारियों के वेतन एवं अन्य सुविधाओं के लिए खर्च करेगी।
बजट में अलॉट किए गए रूपों पर अधिक फोकस माध्यमिक शिक्षा और प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में किया गया है क्योंकि सरकार का मानना है कि यदि बच्चे शिक्षित होंगे तभी राष्ट्र का निर्माण संभव है। बच्चे देश का भविष्य होते हैं और भविष्य को सुदृढ़ करने के लिए हमें इनके वर्तमान को सुधारना होगा।
प्राइमरी शिक्षा हेतु 72000 करोड़ रूपया आवंटन किए गए हैं वहीं माध्यमिक शिक्षा के लिए 12000 करोड रुपए को मंजूरी दी गई है इसके साथ ही उच्च शिक्षा के लिए 3438 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है। हालांकि उत्तर प्रदेश बजट में शिक्षा पर अधिक वह नहीं किया गया है। यदि हम उत्तर प्रदेश के कुल बजट से शिक्षा पर किए गए व्यय की तुलना करें तो हमें लगेगा कि ऊंट के मुंह में जीरा।
एक तरफ योगी सरकार बच्चों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ विद्यालयों में अपर्याप्त शिक्षकों की वजह से विद्यालयों में बच्चों का नामांकन कम हो रहा है।
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सरकार का मानना है कि विद्यालय में बच्चों की संख्या कम है इसलिए शिक्षकों की भर्ती नहीं की जाएगी। परंतु जब विद्यालय में शिक्षक ही नहीं होंगे तो माता-पिता बच्चों को स्कूलों में कैसे भेज सकते हैं?
प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए योग्य अभ्यर्थी सरकार से नई भर्ती करने की मांग कर रहे हैं परंतु सरकार अनुपात समानुपात बराबर होने का हवाला देकर नहीं भर्ती करने से अपना पल्ला झाड़ रही है।
माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के 47000 पद खाली
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों के साथ-साथ माध्यमिक स्कूलों में भी शिक्षकों के बहुत पद खाली हैं। शिक्षक के पद खाली होने से विद्यालय में बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रह रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में शासकीय एवं अशासकीय मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों के लगभग 47000 पद माध्यमिक स्कूलों में खाली है।
सरकार ने इन पदों पर 2016 के बाद से कोई नई भर्ती नहीं की है वहीं हर साल बहुत से शिक्षक रिटायर होते हैं परंतु नहीं वेकेंसी पर रोक लगी हुई है।
अगर ऐसा ही चला रहा तो कुछ दिनों में सभी सरकारी विद्यालय बंद होने की कगार पर हो जाएंगे और मात्र प्राइवेट स्कूल ही मोटा पैसा कमाएंगे जिससे गरीब और आमजन को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।
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