भारत में प्राचीन काल से ही मंदिरों के निर्माण की शैली अत्यंत विकसित थी।

हर काल में हर राजवंश द्वारा किसी ने किसी विशिष्ट मंदिर का निर्माण कराया गया है।

आईए जानते हैं कुछ विशिष्ट प्राचीन मंदिरों के बारे में जिन्हें विभिन्न राजवंश के राजाओं ने बनाया था।

मीनाक्षी मंदिर: यह मंदिर वैगई नदी के किनारे मदुरई तमिलनाडु में स्थित है। यह मंदिर शिव पार्वती को समर्पित है।

कैलाश मंदिर: कैलाश मंदिर को कृष्णा प्रथम ने बनवाया था जो राष्ट्रकूट वंश के राजा थे। कैलाश मंदिर द्रविड़ शैली में बना है। यह एलोरा की गुफा में स्थित है जो औरंगाबाद महाराष्ट्र में है।

महाबलीपुरम मंदिर: महाबलीपुरम का निर्माण नरसिंह वर्मन प्रथम ने करवाया था जो पल्लव वंश के राजा थे। इसका प्राचीन नाम मल्लपुरम था जो वर्तमान तमिलनाडु में स्थित है।

बृहदेश्वर मंदिर: बृहदेश्वर मंदिर को चोल शासक राज राज प्रथम ने बनवाया था। इस मंदिर को राजराजेश्वर मंदिर भी कहते हैं। यह ग्रेनाइट से बना है और शिव को समर्पित है।

खजुराहो के मंदिर: खजुराहो के मंदिर की स्थापना चंदेल शासको द्वारा की गई थी। यह मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। यह कंदरिया महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।

दिलवाड़ा मंदिर: दिलवाड़ा मंदिर सोलंकी या चालुक्य शासको ने बनवाया था। यह जैन संप्रदाय को समर्पित है। यह मंदिर माउंट आबू राजस्थान में है। इस मंदिर के वास्तुकार तेजपाल और वस्तुपाल थे।

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