जैसा कि आप जानते हैं कि आयुर्वेद में डायबिटीज को ही मधुमेह के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद कहता है कि जिस व्यक्ति को डायबिटीज या मधुमेह जैसे आम बोलचाल की भाषा में शुगर के नाम से जाना जाता है वह 6 माह से ज्यादा जीवित नहीं रह सकता और यदि वह मरीज 6 माह से अधिक जीवित रहता है तो वह शुगर का मरीज नहीं कहलाता। डायबिटीज के लक्षण (diabetes-ke-lakshan-aur-upay) और आयुर्वेदिक घरेलु उपचार के बारे में में सम्पूर्ण जानकारी इस लेख आपको मिलेगी|
साधारण भाषा में मधुमेह का अर्थ:
साधारण भाषा में मधुमेह को समझा जाए तो कह सकते हैं कि मधुमेह तब होता है जब जब कोई मनुष्य भोजन करता है और भोजन पचाने की बजाय सड़ने लगता है जिससे शरीर को आवश्यकता अनुसार पोषक तत्व नहीं मिल पाए और सड़े हुए भोजन से पोषक तत्व की बजाय वात रोग की समस्या उत्पन्न होने लगे तो हम इसे शुगर, मधुमेह या डायबिटीज के नाम से जानते हैं।
गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है–
“युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु, युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दुःखहा।
अर्थ: युक्त आहार और युक्त बिहार से शरीर के सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक रोग नष्ट हो जाते हैं।
युक्त आहार से तात्पर्य संतुलित भोजन एवं युक्त विहार अर्थात नियमित व्यायाम से है।
आज के मानव पर आधुनिकता का बहुत प्रभाव है वह अपने कान भर को लेकर तनिक भी सचेत नहीं है। आजकल लोग अपने खान-पान रहन-सहन का विशेष ध्यान नहीं रख रहे हैं वह आधुनिकता में अपने-अपने प्राचीन सभ्यता को भूलते जा रहे हैं शायद इसी कारण लोग अधिक बीमार पड़ रहे हैं।
वर्तमान समय में मधुमेह बीमारी गंभीर समस्या बनी हुई है जोखिम होते हैं जैसे फैल रहा है। यह बीमारी छुआछूत नहीं है लेकिन छुआछूत के जैसे फैल रही है जिससे लोग जानते हुए भी अनजान बन रहे हैं। यह बीमारी पहले बड़े बूढोंको अपना निशाना बनाती थी लेकिन अब इसका शिकार नवयुवक–युक्तियां भी हो रहे हैं।
संसार में जीवित रहना है तो संतुलित भोजन को अपनाना होगा और उसे अपने दिनचर्या में शामिल करना होगा।
कौन सा भोजन स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है?
संतुलित भोजन करना स्वास्थ्य के लिए सहायक होता है। ऐसा भोजन जिसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट, फैट्स एवं अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
भोजन व आहार के प्रकार:
भोजन दो प्रकार का होता है पहला हल्का भोजन और दूसरा भारी भोजन। आप अपनी आवश्यकता अनुसार हल्का अथवा भरी भोजन कर सकते हैं। आप चाहे जैसा भोजन ग्रहण करें बस इस बात का ध्यान रखें कि भोजन चाहे जैसा भी हो आसानी से पच जाना चाहिए। जिस भोजन को पचने में समय लगता है उसे भोजन को आपको नहीं करना चाहिए।
यदि मानव समाज को स्वस्थ रहना हो तो उसे रात्रि का भोजन बंद कर देना चाहिए या फिर बहुत ही कम मात्रा में लेना चाहिए। वर्तमान समय में व्यक्ति रात्रि का भोजन करके सीधे चारपाई पर लेट जाता है जो बिल्कुल गलत है। यदि रात्रि में भोजन करते हैं तो आपको 20 से 25 मिनट या 1000 कदम अवश्य चलना चाहिए जिससे भोजन आसानी से पच सके।
संतुलित भोजन की मात्रा व्यक्ति के रोगी व निरोगी रहने पर निर्भर करती है। प्रत्येक मनुष्य को चाहिए कि वह भोजन उचित मात्रा में करें| वह केवल अपनी भूख का एक चौथाई हिस्सा खाली छोड़े| यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह या डायबिटीज हुआ हो तो उसे ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली चीज जैसे – आलू, चीनी ,चावल , को पूर्णता बंद कर देना चाहिए तथा साथ में अगर उसे यूरिक एसिड ज्यादा है तो प्रोटीन डाइट जैसे- पनीर, दूध, मक्खन आदि को भी खाने से बचना चाहिए।
संतुलित विहार क्या है
संतुलित विहार से अभिप्राय संतुलित व्यायाम से है। प्रत्येक मनुष्य चाहे वह रोगी हो या पूर्णता स्वस्थ हो, सभी को सुबह खाली पेट लगभग आधे घंटे से ज्यादा तथा रात्त के भोजन के पश्चात कम से कम 20 मिनट तक चलना अवश्य चाहिए तथा विशेषज्ञ के सलाह अनुसार योगासन और प्राणायाम करना चाहिए।
विपरीत आहार क्या है
दूध के साथ – दही, मछली, नमक, मूली, नींबू , सभी खट्टे फल, मटर, कच्चे सलाद, खरबूजा, बेल फल , नारियल, जामुन आदि का सेवन सर्वथा वर्जित है। यदि आप ऐसा करते हैं तो दाद खाज खुजली बाल झड़ना सफेद दाग जैसे रोग उत्पन्न हो सकते हैं।
कैसे करें डायबिटीज का घरेलू इलाज
- सुबह उठते ही सबसे पहले बासी मुंह एक चम्मच हरण पाउडर के साथ दो गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए।
- रात को घी या शहद के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए। (नोट: घी और शहद को एक साथ नहीं खाना चाहिए)
- सुबह, दोपहर, शाम भोजन के 1 घंटे पहले आधा चम्मच सोंठ पाउडर पानी में डालकर पीना चाहिए।
डायबिटीज के लिए घरेलू औषधि
यदि आपको डायबिटीज है तो आपको इस औषधि को भी चिकित्सक के सलाह लेने के बाद अपना सकते हैं।
इसके लिए आपको 200 ग्राम मेथी दाना, 200 ग्राम जमुना के बीज, 100 ग्राम गुड़मार, 100 ग्राम नीम के पत्ते, 100 ग्राम करेला, 100 ग्राम विजयसेर, 100 ग्राम तुलसी का पत्ता, 100 ग्राम बेलपत्र, इन सभी को मिलाकर सुखा लें और पाउडर बना ले। अब इसे किसी कांच या मिट्टी के बर्तन में रख ले। आवश्यकता अनुसार सुबह भोजन करने से पहले और शाम को खाने के बाद दो माह तक गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। आप देखेंगे कि आपको मधुमेह में इस औषधि से काफी लाभ मिलेगा
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डायबिटीज होने पर क्या परहेज करें
किसी तरह के भी मैदे से बनी वस्तु, जंक फूड, चावल, चीनी, आलू का प्रयोग बिल्कुल भी ना करो।
डायबिटीज में कैसे प्राणायाम एवं आसान करें
मधुमेह रोगियों को सुबह व्यायाम, प्राणायाम जरूर करना चाहिए | किसी भी आसन प्राणायाम को करने से पहले पेट साफ होना आवश्यक है उसके बाद शरीर को हल्का व्यायाम करके गर्म करें तत्पश्चात ही आसन व प्राणायाम करना प्रारंभ करें।
मधुमेह/डायबिटीज में होने के क्या कारण है
- मोटापा
- उच्च रक्तचाप
- तनाव या डिप्रेशन
- इंसुलिन की कमी
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- व्यायाम नहीं करने की आदत
मोटापा किसे कहते हैं
मानव शरीर में अत्यधिक वसा होने का कारण होने वाला विकार जो आपकी तमाम समस्याओं को जन्म देता है। मोटापा में मनुष्य शारीरिक क्षमता से अधिक कैलोरी को व्यायाम न कर पाने में सहज नहीं कर पता तभी मोटापा जैसी बीमारी को जन्म देता है। यदि आप प्राणायाम करने लगेंगे तो धीरे-धीरे मोटापा से छुटकारा मिल सकता है और आप गंभीर से गंभीर बीमारियों से भी बचे रहेंगे।
उच्च रक्तचाप क्यों होता है
उच्च रक्तचाप को आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर भी कहते हैं यह धूम्रपान गुटका तंबाकू पान मसाला आदि के सेवन से शुरू होता है जो मधुमेह का कारण बनता है।
डिप्रेशन या तनाव
इंसान कभी-कभी तनाव इतना ले लेता है कि उसे होश ही नहीं रहता कि वह एक मधुमेह कार्य की बन चुका है। अगर आपको भी डायबिटीज या फिर मधुमेह की शिकायत है तो बताइ गई जानकारी को उपयोग कर सकते हैं।
Disclaimer: इस पोस्ट (Diabetes-ke-lakshan-aur-upay) में लिखी गई सभी जानकारी केवल आपके ज्ञान हेतु है इसके इस्तेमाल से पहले आप अपने औषधि विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।